हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "नहजुल बलाग़ा " पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार हैं।
:قال اميرالمؤمنين عليه السلام
الْحِلْمُ غِطَاءٌ سَاتِرٌ، وَ الْعَقْلُ حُسَامٌ قَاطِعٌ؛ فَاسْتُرْ خَلَلَ خُلُقِكَ بِحِلْمِكَ، وَ قَاتِلْ هَوَاكَ بِعَقْلِكَ
हज़रत इमाम अली अ.स. ने फरमाया:
हिल्म व तहम्मुल; ढकने वाला पर्दा और अक्ल (गोया) काटने वाली तलवार है, लिहाज़ा अपने अख्लाक के कमज़ोर पहलू को हिल्म और बूर्दबारी से छुपाओ और अपनी बुद्धि से आत्मा की इच्छाओं से लड़ें।
बिहारूल अनवार, हिक्मत नं.424